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बेला देवी

दिशा

प्रतापगढ़ स्थित सई नदी के किनारे पर ऎतिहासिक बेल्हा माई का मंदिर है। जिले के अधिकांश भू-भाग से होकर बहने वाली सई नदी के तट पर नगर की अधिष्ठात्री देवी मां बेल्हा देवी का यह मंदिर स्थित है। सई नदी के तट पर माँ बेल्हा देवी का भव्य मंदिर होने के कारण जिले को बेला अथवा बेल्हा के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर की स्थापना को लेकर पुराणों में कहा गया है कि राजा दक्ष द्वारा कराएजा रहे यज्ञ में सती बगैर बुलाए पहुंच गईं थीं। वहां शिव जी को न देखकरसती ने हवन कुंड में कूदकर जान दे दी। जब शिव जी सती का शव लेकर चले तोविष्णु जी ने चक्र चलाकर उसे खंडित कर दिया था। जहां-जहां सती के शरीर काजो अंग गिरा, वहां देवी मंदिरों की स्थापना कर दी गई। यहां सती का बेला का (कमर) भाग गिरा था। भगवान राम जब वनवास (निर्वासन) के लिए जा रहे थे तब सई नदी के किनारे पर उन्होंने मंदिर में माँ बेल्हा देवी जी का पूजन अर्चन किया था। माता रानी के समक्ष सच्चे मनसे मांगी गई हर मुराद जरूर पूरी होती है।

फोटो गैलरी

  • बेल्हा देवी बाहरी हिस्सा
  • बेल्हा देवी मुख्य मंदिर

कैसे पहुंचें:

बाय एयर

यह मंदिर पहुचने के लिए सबसे नजदीक वायु सेवा लखनऊ में स्थित हैं ,जो की 180 कि० मी० की दूरी पर स्थित हैं |

ट्रेन द्वारा

यहाँ पहुचने के लिए सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन हैं , जो कि 2 कि० मी० की दूरी पर हैं|

सड़क के द्वारा

यहाँ मंदिर प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन से मात्र 2 कि० मी० की दूरी पर स्थित हैं |